परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार का हॉर्न विधानसभा में भी गूंजा; मंत्री ने कहा- 18 टीमें बनीं, 22 फोन ट्रैप किए, तब पकड़े घूसखोर

 परिवहन विभाग में जयपुर आरटीओ के 8 अफसरों और सात दलालों के पकड़े जाने का मामला सोमवार काे विधानसभा में भी गूंजता रहा। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में शाम को इस पर जवाब दिया तो विपक्ष गरमा गया। विपक्ष ने पूछा- मंत्री जी! बताएं, यह जसवंत दलाल कौन है? आपके बताए नामों में उसका नाम क्यों शामिल नहीं है? क्या पांच माह पहले भी ऐसा ही आरटीओ का रैकेट बनीपार्क में पकड़ा गया था? सरकार उसका खुलासा करे। दरअसल, विपक्ष का आरोप है कि दलाल जसवंत सिंह से परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का करीबी संबंध है।


मंत्री धारीवाल ने इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं दिया। सिर्फ इतना कहा कि किसी भी दोषी काे बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछले एक साल में छह बार आरटीओ के अफसर ट्रैप हुए हैं। जबकि पिछली सरकार में तीस बार छापे पड़े और अफसर पकड़े गए। जवाब में बोलने नहीं देने पर बीजेपी ने दलाली बंद करो के नारे लगाते हुए वाॅकआउट कर दिया। धारीवाल ने कहा कि 18 टीमें बनाई गई थीं और 22 फोन ट्रैप किए गए, जिसके बाद यह कार्यवाही की गई। नेता प्रतिपक्ष कटारिया, मदन दिलावर सहित कई ने मंत्री को घेरना चाहा तो अनुमति नहीं मिली और अशोक लाहोटी जसवंत कौन है, जानकारी दो.. करते-करते बिठा दिए गए। उधर, एसीबी ने सोमवार को पकड़े गए दलाल और अधिकारियों के घरों की तलाशी ली।


सवालों का ट्रैफिक...राठौड़ ने पूछा- कितने पकड़े जाने हैं? कहां दबिश दी? कब से चल रही दलाली? धारीवाल का एक जवाब- कार्रवाई करेंगे


जो भी अफसर और दलाल अब तक पकड़े गए हैं, उन पर आगे कानूनी कार्यवाही पूरी करेंगे। इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। - शांति धारीवाल, ससंदीय कार्यमंत्री
कितने और लोग पकड़े जाने हैं और कितने स्थानों और लोगों के दस्तावेज संपत्ति पर दबिश दी गई है? कितने लंबे समय से दलाली और घूस चल रही थी? - राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष


एसीबी की लॉन्ग ड्राइव... 4 माह सुने फोन, 3 हजार पेज की स्क्रिप्ट बनाई


भ्रष्टाचार निराेधक ब्यूराे परिवहन विभाग के 13 अधिकारियाें और दलालाें के 22 फाेन काे चार माह से सुन रही थी। चार माह में करीब तीन हजार पेज की स्क्रिप्ट तैयार की। सर्विलांस पर लिए गए फाेनाें पर हुई बातचीत में ही एसीबी काे पता चला कि 16 फरवरी काे दलाल मनीष इंस्पेक्टर उदयवीर काे 40 हजार रुपए की रिश्वत देगा। एसीबी के डीजी आलाेक त्रिपाठी और एडीजी दिनेश एमएन ने सारी कारवाई का ताना-बाना बुना।


इधर...मंत्री ने एसीबी पर ही उठाए सवाल, कहा- भ्रष्टाचार में पकड़े कई आईएएस, आईपीएस आज भी ऑन रोल हैं...
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार को परिवहन विभाग में अधिकारियों की बैठक बुलाई। इस मामले पर सफाई देते हुए एसीबी पर ही सवाल उठा दिए। कहा कि भ्रष्टाचार में पकड़े गए कई आईएएस, आईपीएस आज भी ऑन रोल हैंं। यह भी कहा कि फरवरी-मार्च का महीना रेवेन्यू कलेक्शन का महीना होता है। सरकार की इच्छा शक्ति की वजह से ही एसीबी ने कार्रवाई की है। अधिकारियों से कहा कि डरे नहीं। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन सरकार निर्दाेष के साथ अन्याय भी नहीं होने देगी। एसीबी ने केवल एक ही इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ा है, बाकी सबके घरों पर कार्रवाई की है, प्राइवेट बस ऑपरेटर के यहां से पैसा जब्त हुआ है। इंस्पेक्टरों और अफसरों के काफी परिजन आज सुबह मुझसे आकर मिले हैं, उन्होंने अपनी बात रखी है, किसी भी अफसर कर्मचारी को अपनी बात कहने का हक है।


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